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Litreture

कविता: ललित कला और काव्य-कौमुदी

ललित कला है प्रवीणता, तो भावों का उद्गार है कविता, वैचारिक साधना है कविता, ईश्वर प्रदत्त उपहार है कविता। शृंगार, करुण, वीभत्स, वीर रस, अद्भुत, रौद्र, भयानक, शान्त रस, वात्सल्य प्रेम व भक्ति विनय रस, कवि की रचना के हैं यश अपयश। रस धार बने जैसे कविता की, आभूषित अलंकार कर देते, शब्द, अर्थ के […]

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